देशभर के पेंशनभोगियों और वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है। यह महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) की गणना का आधार होता है, जिससे लाखों लोगों की मासिक आय तय होती है। हर महीने यह सूचकांक श्रम ब्यूरो द्वारा तय समय पर जारी किया जाता है, लेकिन दिसंबर 2024 का CPI-IW अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है।
CPI-IW का प्रकाशन 31 जनवरी 2025 को होना था, लेकिन इसकी अनुचित देरी से पेंशनर्स और वेतनभोगी कर्मचारियों में चिंता और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि सरकार कब इस समस्या का समाधान करेगी?
CPI-IW की देरी से क्यों हो रही है परेशानी?
CPI-IW की देरी केवल एक आंकड़े के देरी से आने की समस्या नहीं है, बल्कि यह लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालती है।
1. महंगाई राहत (DA/DR) में देरी
हर छह महीने में सरकार CPI-IW के आधार पर महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) बढ़ाती है। इसकी अनुपलब्धता से DA/DR में होने वाली वृद्धि रुकी हुई है, जिससे लाखों पेंशनर्स और कर्मचारियों की आय प्रभावित हो रही है।
2. आर्थिक असुरक्षा और अनिश्चितता
बढ़ती महंगाई के बीच खाद्य पदार्थों, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में CPI-IW का न आना वेतनभोगियों और पेंशनर्स के लिए गंभीर वित्तीय संकट खड़ा कर सकता है।
3. सरकारी पारदर्शिता पर सवाल
सरकार की ओर से CPI-IW प्रकाशित करने के लिए एक तय समय-सीमा होती है, लेकिन इसके बावजूद देरी हो रही है। इससे श्रम ब्यूरो और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पेंशनर्स महासंघ की सरकार से मांग
भारत के सबसे बड़े पेंशनर्स संगठन ‘भारत पेंशनर्स समाज (BPS)’ ने श्रम मंत्री को पत्र लिखकर CPI-IW को अविलंब जारी करने की मांग की है। इस पत्र में निम्नलिखित मांगें रखी गई हैं:
✅ दिसंबर 2024 का CPI-IW तुरंत जारी किया जाए, ताकि महंगाई भत्ते की गणना हो सके।
✅ सरकार देरी के कारणों पर आधिकारिक बयान जारी करे, ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके।
✅ भविष्य में ऐसी देरी को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं, जिससे पेंशनर्स और कर्मचारियों को परेशानी न हो।
सरकार कब उठाएगी कदम?
CPI-IW की देरी का मुद्दा लाखों लोगों की आजीविका से जुड़ा हुआ है। पेंशनर्स और कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करेगी और CPI-IW का प्रकाशन सुनिश्चित करेगी।
यदि सरकार इस पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करती, तो इससे न केवल लाखों पेंशनर्स और वेतनभोगियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा, बल्कि सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठेंगे।
अब देखना यह होगा कि सरकार इस समस्या का हल कब निकालती है और CPI-IW को कब जारी किया जाता है। उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि पेंशनर्स और वेतनभोगियों को अनावश्यक आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।
सरकार का रवैया कर्मचारी विरोधी है। हमेशा आंकड़ों को छुपा कर कम दिखा कर घोषणा किया जाता है। पेंशनर्स संगठन ठोस कदम उठाए।
अबकी बार दिसंबर का aic pin ही कुछ ऐसा आ रहा है या तो DA रेट्स jan 2025से 55.99 या फिर 56.01
सरकार सोच रही होगी कि 55.99ही रहने दिया जाय ताकि 2%ही बढ़ाना पड़े अन्यथा थोड़ा ही बढ़ने पर DA 3%बढ़ाना पड़ेगा