फाइनेंस बिल 2025 बिल पेश, 8वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की पेंशन में बड़ा बदलाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2025 में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों में संशोधन करना है। यह फैसला लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक राहत साबित हो सकता है।

पेंशनभोगियों के लिए राहत: 1 जनवरी 2016 से पहले और बाद में सेवानिवृत्त पेंशनरों में समानता

सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि 1 जनवरी 2016 से पहले सेवानिवृत्त सभी केंद्रीय सरकारी पेंशनभोगियों को उतनी ही पेंशन मिलेगी जितनी कि 1 जनवरी 2016 या 1 जनवरी 2026 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दी जाएगी यह कदम लाखों पेंशनरों के लिए राहतभरा है, क्योंकि इससे पहले 6वें वेतन आयोग की सिफारिशों के कारण पेंशनरों के बीच असमानता थी।

पेंशनभोगियों पर नए बदलावों का क्या असर होगा?
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि फाइनेंस बिल 2025 के कारण पेंशनभोगियों की पेंशन में कोई कटौती नही होगी।
✅ मौजूदा पेंशन में कोई कटौती या बदलाव नहीं – इस नियम से किसी भी नागरिक पेंशनभोगी की पहले से तय पेंशन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
✅ रक्षा पेंशनभोगियों पर कोई प्रभाव नहीं – रक्षा पेंशनभोगी पहले से ही अलग नियमों के तहत आते हैं, इसलिए इन नए मान्यकरण नियमों का उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
✅ किसी नए पेंशन नियम में बदलाव नहीं – यह किसी भी नए पेंशन नियम या निर्देश में संशोधन नहीं है, बल्कि केवल उनकी पुनः पुष्टि (Validation) है, जो 1 जून 1972 से लागू हैं।

6वें और 7वें वेतन आयोग के बीच अंतर
6वें वेतन आयोग (UPA सरकार के दौरान लागू) ने 1 जनवरी 2006 से पहले और बाद में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बीच अंतर कर दिया था। 7वें वेतन आयोग (वर्तमान सरकार के दौरान लागू) ने 1 जनवरी 2016 से पहले और बाद में सेवानिवृत्त पेंशनरों के बीच समानता लागू की।
राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ मौजूदा नियमों की पुनः पुष्टि है, और इससे किसी भी नागरिक या रक्षा पेंशन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग की स्थापना और पेंशन सुधार सरकार के एक महत्वपूर्ण फैसले का हिस्सा हैं, जिससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को सीधा लाभ मिलेगा। अब सरकार पर नजर रहेगी कि वह वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी करती है और किस तरह की सिफारिशें 8वां वेतन आयोग लेकर आता है।

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