खुशखबरी, पेंशन बढ़ी, पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों का 18 महीने का एरियर

नई दिल्ली, 21 मार्च 2025 – भारत सरकार ने एक राजपत्र जारी करते हुए सांसदों और विधायकों की पेंशन और वेतन बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद नेताओं की सैलरी, दैनिक भत्ते और एडिशनल पेंशन में बढ़ोतरी की गई है। लेकिन पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों के लिए कोई राहत नहीं दी गई है, जिससे उनके बीच भारी नाराजगी देखी जा रही है।

इस फैसले के बाद अब दिल्ली में एक बड़ा आंदोलन होने जा रहा है, जिसमें पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारी 18 महीने के डीए एरियर की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह राजपत्र क्या कहता है, इसमें क्या बदलाव किए गए हैं, और इससे किसे फायदा होगा।


राजपत्र में क्या है? नेताओं की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी

भारत सरकार द्वारा 21 मार्च 2025 को जारी राजपत्र के अनुसार, सांसदों और विधायकों की पेंशन, वेतन, दैनिक भत्ते और एडिशनल पेंशन में वृद्धि की गई है।

विवरणपहले (₹ में)अब (₹ में)
वेतन (सैलरी)1,00,0001,24,000
दैनिक भत्ता2,0003,000
पेंशन25,00031,000
एडिशनल पेंशन2,000 प्रति वर्ष3,000 प्रति वर्ष

नेताओं की मांग पर सरकार ने दी मंजूरी

इस पेंशन बढ़ोतरी के पीछे सरकार का तर्क है कि मुद्रास्फीति (Inflation) बढ़ रही है, जिससे नेताओं को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नेताओं ने सरकार से अपील की कि महंगाई को देखते हुए उनकी सैलरी, भत्ते और पेंशन बढ़ाई जाए, और सरकार ने इसे मंजूरी दे दी।

लेकिन जब पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारी अपनी पेंशन और 18 महीने के डीए एरियर की मांग करते हैं, तो सरकार पैसे की कमी का हवाला देती है और उनकी मांगों को रिजेक्ट कर देती है


सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए कुछ नहीं!

सरकार का यह फैसला पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों के साथ अन्याय जैसा लग रहा है। क्योंकि:

  1. 18 महीने के डीए एरियर की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन सरकार इसे देने को तैयार नहीं।
  2. पेंशनर्स के लिए एडिशनल पेंशन की मांग (65 साल पर 5%, 70 साल पर 10% आदि) को भी अनदेखा कर दिया गया है।
  3. OROP की विसंगतियां दूर नहीं की गईं।
  4. 50% डीए-डीआर मर्ज करने की मांग को भी ठुकरा दिया गया।

सरकार कहती है कि 18 महीने का डीए एरियर देने के लिए 3,442 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, लेकिन नेताओं की पेंशन और भत्ते बढ़ाने के लिए उसके पास पैसा है!


दिल्ली में महा आंदोलन की तैयारी

अब पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों ने दिल्ली में एक बड़े आंदोलन की योजना बनाई है। हालांकि, इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन इस आंदोलन में कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई जाएंगी:

प्रमुख मांगें

  1. 18 महीने के डीए एरियर का भुगतान
  2. OROP की विसंगतियों को दूर किया जाए
  3. डीए का नया फॉर्मूला लागू किया जाए
  4. 8वें वेतन आयोग की घोषणा
  5. नेताओं की पेंशन और सैलरी वृद्धि को रद्द किया जाए

अगर इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारी नेताओं की बढ़ी हुई पेंशन और वेतन को स्वीकार नहीं करने देंगे


क्या पेंशनर्स और कर्मचारियों के लिए भी महंगाई नहीं है?

सरकार ने मुद्रास्फीति के आधार पर नेताओं की पेंशन और सैलरी बढ़ा दी, लेकिन वही मुद्रास्फीति पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों पर भी असर डाल रही है।

सवाल उठते हैं:

  • क्या सिर्फ नेताओं और विधायकों को ही महंगाई का असर महसूस होता है?
  • क्या पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों की जरूरतें अलग हैं?
  • सरकार जब नेताओं की पेंशन बढ़ा सकती है, तो पेंशनर्स की क्यों नहीं?

निष्कर्ष: अब कर्मचारियों को एकजुट होना होगा!

अब समय आ गया है कि सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स एकजुट हों और अपनी आवाज बुलंद करें। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक नेताओं की बढ़ी हुई पेंशन और वेतन को भी रद्द करने की मांग उठानी होगी।

आपकी राय?

आप इस फैसले के बारे में क्या सोचते हैं? क्या नेताओं की पेंशन और वेतन बढ़ोतरी सही है? या फिर सरकार को पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों के लिए भी राहत पैकेज देना चाहिए?

नीचे कमेंट करके अपनी राय जरूर दें!

📢 जैसे ही आंदोलन की तारीख घोषित होगी, हम आपको अपडेट देंगे। जुड़े रहें!

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