केंद्रीय पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी: पेंशन में बढ़ोतरी और 18 माह एरियर पर अहम फैसला!

देशभर के लाखों पेंशनधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने पेंशन धारकों के खातों में 3 लाख रुपये तक की राशि जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। क्या आपको इसका लाभ मिलेगा या नहीं? इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

इसके अलावा, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन में भारी इजाफा होने जा रहा है। सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है और एरियर भुगतान भी अप्रैल महीने में किया जाएगा। साथ ही, 65 वर्ष की आयु के बाद पेंशन में 5% वृद्धि और हर साल 1% अतिरिक्त बढ़ोतरी को लेकर भी नई अपडेट आई है।

सरकार पेंशन टैक्स-फ्री करने पर भी विचार कर रही है। कार्मिक मंत्रालय और पेंशन मंत्रालय ने इस संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। आइए, इस पूरी खबर को विस्तार से जानते हैं।


65 साल के बाद पेंशन बढ़ोतरी पर संसदीय समिति की सिफारिशें

देशभर में करोड़ों पेंशनर्स के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि 65 साल की उम्र के बाद पेंशन में बढ़ोतरी क्यों नहीं की जाती? संसदीय समिति (JPC) ने सरकार के सामने कुछ सिफारिशें रखी थीं, जिनमें शामिल हैं:

60 साल की उम्र के बाद हर साल 1% पेंशन वृद्धि।
65 साल के बाद पेंशन में सीधे 5% की बढ़ोतरी।

समिति का मानना है कि बुजुर्गों की जरूरतें और खर्चे उम्र बढ़ने के साथ बढ़ जाते हैं, खासतौर पर स्वास्थ्य से जुड़े खर्चे 65 से 70 वर्ष की उम्र के बीच काफी बढ़ जाते हैं।

वर्तमान नियम:

  • 80 साल की उम्र के बाद 20%
  • 85 साल के बाद 30%
  • 90 साल के बाद 40%
  • 95 साल के बाद 50%
  • 100 साल की उम्र पर 100% पेंशन वृद्धि

लेकिन सवाल यह है कि सरकार 80 साल की उम्र तक इंतजार क्यों कर रही है?

पहले संयुक्त परिवारों में बुजुर्गों की देखभाल पूरे परिवार की जिम्मेदारी होती थी, लेकिन अब एकल परिवारों के बढ़ते चलन के कारण पेंशन ही बुजुर्गों के लिए सबसे बड़ा सहारा बन गई है। संसदीय समिति ने सामाजिक बदलाव को ध्यान में रखते हुए सरकार से आग्रह किया कि 65 साल के बाद पेंशन में 5% वृद्धि का प्रावधान किया जाए।


पेंशन वृद्धि पर सरकार की स्थिति और वित्तीय भार

सरकार का कहना है कि 60 साल के बाद पेंशन बढ़ाने से सरकारी बजट पर 2.7 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि, संसदीय समिति ने सुझाव दिया था कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) और वित्त मंत्रालय मिलकर इसके लिए अलग बजट प्रावधान कर सकते हैं।

5 अप्रैल 2022 को यह सलाह दी गई थी, लेकिन अब तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।


लोकसभा में पेंशन वृद्धि को लेकर बड़ा सवाल

19 मार्च 2025 को लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर ने प्रधानमंत्री से सवाल किया:

  1. 80 साल के बाद ही अतिरिक्त पेंशन क्यों दी जाती है?
  2. क्या सरकार 65 वर्ष की उम्र से ही अतिरिक्त पेंशन शुरू करने पर विचार कर रही है?
  3. इससे कितने पेंशनर्स को लाभ मिलेगा और सरकार पर कितना खर्च आएगा?

जवाब में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा कि पेंशन बढ़ोतरी की वर्तमान व्यवस्था बनी रहेगी।


65 वर्ष की उम्र से एडिशनल पेंशन की मांग पर मोदी सरकार को पत्र

JCM (Joint Consultative Machinery) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने मोदी सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि
8वें वेतन आयोग में संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू किया जाए।
65 वर्ष की उम्र से ही एडिशनल पेंशन का लाभ दिया जाए।

अगर सरकार यह बदलाव लागू करती है, तो लाखों पेंशनर्स को आर्थिक मजबूती मिलेगी और वे अपनी जरूरतें आसानी से पूरी कर पाएंगे।


केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए DA और DR में बढ़ोतरी

सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में 2% बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।

वर्तमान स्थिति:
✅ अभी DA और DR 53% है।
✅ इसे 55% तक बढ़ाया जाएगा।
28 मार्च 2025 को कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी मिलने की संभावना।
जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 के DA/DR एरियर का भुगतान अप्रैल में होगा।

इससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों की सैलरी और पेंशन में मामूली बढ़ोतरी होगी।


सांसदों की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी, कर्मचारियों के लिए अब तक इंतजार!

जहां पेंशनर्स लंबे समय से 65 वर्ष से एडिशनल पेंशन की मांग कर रहे हैं, वहीं सरकार ने सांसदों की सैलरी और पेंशन में भारी बढ़ोतरी कर दी है।

सांसदों का वेतन ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.24 लाख किया गया।
पूर्व सांसदों की पेंशन ₹25,000 से बढ़ाकर ₹31,000 कर दी गई।
डेली अलाउंस ₹2,000 से बढ़ाकर ₹2,500 किया गया।
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता ₹70,000 से बढ़ाकर ₹87,000 किया गया।
कार्यालय खर्च भत्ता ₹60,000 से बढ़ाकर ₹75,000 किया गया।

लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों की मांगों पर अब तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया।


निष्कर्ष: सरकार को पेंशनर्स की मांगों पर विचार करना चाहिए

सरकार को चाहिए कि वह 8वें वेतन आयोग में संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू करे और 65 वर्ष की उम्र से एडिशनल पेंशन का लाभ शुरू करे।

60 वर्ष के बाद हर साल 1% पेंशन वृद्धि।
65 वर्ष के बाद 5% पेंशन वृद्धि।
80 वर्ष की उम्र से पहले भी पेंशन वृद्धि का लाभ।

पेंशनर्स की यह मांग सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक न्याय का मुद्दा भी है। सरकार को इस पर जल्द फैसला लेना चाहिए ताकि बुजुर्ग पेंशनधारकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके।


आपकी राय क्या है?

क्या सरकार को 65 वर्ष की उम्र से अतिरिक्त पेंशन देनी चाहिए? हमें कमेंट में बताएं!

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