SCOVA की मीटिंग से DOPPW ने पेंशन को लेकर दिया शानदार तोहफा

नई दिल्ली, 12 मार्च 2025: केंद्र सरकार के अंतर्गत DOPPW ने परिवार पेंशन (Family Pension) से जुड़े महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे तलाकशुदा बेटियों, पुनर्विवाहित विधवाओं और महिला पेंशनधारकों को सीधा लाभ मिलेगा। ये घोषणाएं 34वीं SCOVA बैठक (Standing Committee of Voluntary Agencies) में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा की गईं।


SCOVA की बैठक से परिवार पेंशन में हुए बड़े सुधार

सरकार द्वारा किए गए संशोधनों के तहत तीन मुख्य बदलाव किए गए हैं:

1. तलाकशुदा और अलग रह रही बेटियों को तुरंत पेंशन मिलेगी

पहले, तलाकशुदा बेटियों को परिवार पेंशन का लाभ पाने के लिए अदालत से तलाक की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना पड़ता था। अब सरकार ने इस बाधा को हटा दिया है।

नया नियम: अब तलाकशुदा या कानूनी रूप से अलग रह रही बेटी को कोर्ट का अंतिम फैसला आने से पहले ही परिवार पेंशन मिल सकेगी। इससे उन्हें आर्थिक रूप से निर्भर होने की समस्या से राहत मिलेगी।

2. महिला पेंशनधारक अपने बच्चों को नामित कर सकेंगी

पहले, अगर कोई महिला पेंशनधारक होती थी तो उसकी परिवार पेंशन का पहला हक उसके पति को दिया जाता था। लेकिन अब सरकार ने इस नियम में बदलाव किया है।

नया नियम: अब महिला पेंशनधारक अपने बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर परिवार पेंशन के लिए नामित कर सकती हैं, यानी अब पति से पहले बच्चों को पेंशन मिल सकेगी।

3. पुनर्विवाहित विधवाओं को भी मिलेगा पेंशन का लाभ

पहले, अगर कोई विधवा दोबारा शादी कर लेती थी, तो उसकी परिवार पेंशन बंद कर दी जाती थी। अब इस प्रावधान में भी राहत दी गई है।

नया नियम: अब यदि पुनर्विवाहित विधवा की आय न्यूनतम परिवार पेंशन से कम है, तो उसे पेंशन मिलती रहेगी। यह नियम उन महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा जो अपने जीवनसाथी को खो चुकी हैं।


समाज के बदलते मानकों के अनुसार सुधार

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये सुधार समाज में बदलते पारिवारिक और सामाजिक मानकों के अनुरूप हैं। पहले की सरकारें Status Quoist (यथास्थिति बनाए रखने वाली) नीति अपनाती थीं और इन आवश्यक सुधारों की ओर ध्यान नहीं दिया गया था।

उन्होंने कहा,
“हमने यह सुधार करने का साहस और आत्मविश्वास दिखाया, क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हमें पूरा समर्थन प्राप्त है।”


केंद्र सरकार के इस फैसले के लाभ

तलाकशुदा और अलग रह रही बेटियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
महिला पेंशनधारकों को अपने बच्चों को प्राथमिकता देने का अधिकार मिलेगा।
पुनर्विवाहित विधवाओं को दोबारा शादी के बाद भी वित्तीय सहायता मिलेगी।
समाज के बदलते नियमों के अनुसार परिवार पेंशन प्रणाली को अधिक लचीला बनाया गया है।


निष्कर्ष

सरकार का यह फैसला परिवार पेंशन के दायरे को ज्यादा समावेशी और न्यायसंगत बनाता है। तलाकशुदा बेटियों, पुनर्विवाहित विधवाओं और महिला पेंशनधारकों के लिए यह एक बड़ी राहत है।

यह बदलाव परिवार पेंशन की पारंपरिक परिभाषा को नए सिरे से परिभाषित करता है, जिससे लाखों महिलाओं को लाभ मिलेगा। यह एक सकारात्मक और प्रगतिशील कदम है, जो समाज में महिलाओं को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता देगा।

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