DA/DR फॉर्मूले में होगा बड़ा बदलाव – हर 6 महीने में 10% से 15% बढ़ोतरी की संभावना!

नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स ने सरकार को एक पत्र लिखकर DA/DR की गणना के फॉर्मूले में सुधार की मांग की है, जिससे हर 6 महीने में 10% से 15% की बढ़ोतरी संभव हो सके

महंगाई बढ़ रही, लेकिन DA में देरी क्यों?

आज के समय में महंगाई दर लगातार बढ़ रही है, लेकिन कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता वास्तविक महंगाई के अनुरूप नहीं बढ़ रहा। संघटन का कहना है कि DA की गणना का मौजूदा तरीका पुराना हो चुका है, जिससे कर्मचारियों को सही लाभ नहीं मिल पा रहा है।


DA/DR सुधार को लेकर संघटन की मुख्य मांगें

1. मौजूदा DA फॉर्मूला और इसकी समस्याएं

केंद्रीय कर्मचारियों और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए DA की गणना अलग-अलग फॉर्मूले से की जाती है:

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए:

DA = {(AICPI (Base year 2016 = 100) का 12 महीने का औसत – 115.76) / 115.76} × 100

सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए:

DA = {(AICPI (Base year 2001 = 100) का 3 महीने का औसत – 126.33) / 126.33} × 100

➡ लेकिन समस्या यह है कि:

  • केंद्रीय कर्मचारियों को DA हर 6 महीने में मिलता है, जिससे महंगाई का प्रभाव तुरंत नहीं दिखता
  • बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को हर 3 महीने में DA संशोधित होता है, जिससे उन्हें अधिक लाभ मिलता है।

2. संघटन की प्रमुख सिफारिशें

DA की गणना में बदलाव:

  • 12 महीने के औसत की जगह 3 महीने के औसत को आधार बनाया जाए ताकि हर तिमाही (3 महीने) में DA बढ़े
  • इससे कर्मचारियों को महंगाई के अनुरूप त्वरित राहत मिलेगी।

पॉइंट-टू-पॉइंट DA लागू किया जाए:

  • अभी DA को न्यूनतम स्तर तक गोल कर दिया जाता है
  • उदाहरण: अगर DA 43.90% बनता है, तो इसे 43% मान लिया जाता है, जिससे कर्मचारियों को नुकसान होता है
  • बैंक और LIC कर्मचारियों की तरह पॉइंट-टू-पॉइंट DA लागू हो, जिससे कर्मचारियों को पूरा लाभ मिले।

सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग CPI (Consumer Price Index) तैयार किया जाए:

  • मौजूदा CPI 465 वस्तुओं पर आधारित है, जिनमें से कई सरकारी कर्मचारियों के जीवन में उपयोगी नहीं हैं
  • छठे वेतन आयोग ने भी सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग से CPI बनाने की सिफारिश की थी

खुदरा कीमतों की सही गणना की जाए:

  • लेबर ब्यूरो के CPI और बाजार की वास्तविक कीमतों में 30% तक का अंतर होता है
  • डायरेक्टरेट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स और डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स द्वारा तय कीमतें अधिक वास्तविक होती हैं।
  • इसलिए खुदरा कीमतों की पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए

संभावित प्रभाव – कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को होगा फायदा!

हर 3 महीने में DA/DR बढ़ने से वेतन में सीधी बढ़ोतरी होगी।
महंगाई के अनुसार त्वरित राहत मिलेगी, जिससे जीवनयापन आसान होगा।
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वास्तविक DA मिलने से वित्तीय सुरक्षा बढ़ेगी।


निष्कर्ष – क्या सरकार DA/DR सुधार को मंजूरी देगी?

संघटन की इस मांग से लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिल सकता है। यदि सरकार इस पर विचार करती है, तो हर 3 महीने में DA में बढ़ोतरी होगी और 10% से 15% तक की वृद्धि संभव हो सकती है

क्या आपको लगता है कि DA/DR की गणना में बदलाव होना चाहिए?

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