नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की आधिकारिक घोषणा के बाद अब वित्त मंत्रालय ने इसकी संभावित संदर्भ शर्तों (Terms of Reference – TOR) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुझाव मांगे हैं। गृह मंत्रालय ने भी सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स सहित सभी केंद्रीय बलों से 3 फरवरी 2025 तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
इस रिपोर्ट में वेतन संरचना, भत्तों, ग्रेच्युटी, सेवा शर्तों और OPS (पुरानी पेंशन योजना) की बहाली सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बलों की राय शामिल होगी। केंद्रीय बलों के जवानों द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल करने की मांग लगातार बढ़ रही है, और इस वेतन आयोग के जरिए इसे लेकर ठोस सिफारिशें सामने आ सकती हैं।
8वें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तें क्यों हैं महत्वपूर्ण?
संदर्भ शर्तें (TOR) किसी भी आयोग के गठन और उसकी कार्यप्रणाली के लिए आधारशिला होती हैं। इसके तहत आयोग द्वारा—
✅ किन घटकों पर ध्यान दिया जाएगा?
✅ कर्मचारियों की वेतन संरचना कैसी होगी?
✅ आयोग किन आर्थिक कारकों का मूल्यांकन करेगा?
✅ किन अंतरराष्ट्रीय मानकों से तुलना की जाएगी?
इन सभी बिंदुओं पर आयोग विस्तृत रिपोर्ट तैयार करता है, जिससे सरकार को कर्मचारियों की वेतन और पेंशन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलती है।
OPS की बहाली को लेकर केंद्रीय बलों में बढ़ती उम्मीदें
8वें वेतन आयोग के गठन के साथ ही केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) में पुरानी पेंशन बहाली (OPS) की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। अलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन सहित विभिन्न कर्मचारी संगठन लगातार OPS की बहाली की मांग कर रहे हैं।
🔹 OPS क्यों जरूरी है?
- NPS (नई पेंशन योजना) के तहत पेंशन की राशि निश्चित नहीं है, जिससे सेवानिवृत्त जवानों को आर्थिक असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।
- OPS के तहत अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता है, जो सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए एक स्थिर आय स्रोत होता है।
- कई राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए OPS फिर से लागू किया है, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों में भी उम्मीद बढ़ गई है।
OPS बहाली पर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को “भारत संघ के सशस्त्र बल” माना था और NPS को हटा OPS लागू करने की बात कही थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी और इस पर अभी अंतिम निर्णय लंबित है।
8वें वेतन आयोग में वेतन और पेंशन पर संभावित बदलाव
1. वेतन वृद्धि का अनुमान
- विशेषज्ञों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.80 तक हो सकता है, जिससे वेतन में 26% से 30% तक की वृद्धि हो सकती है।
- यदि 2.28 फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन ₹41,000 और पेंशन ₹21,000 तक हो सकती है।
- यदि 2.80 फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन ₹50,000 और पेंशन ₹25,000 तक हो सकती है।
2. महंगाई भत्ते (DA) में सुधार
- महंगाई भत्ता हर 6 महीने में बढ़ता है, लेकिन कर्मचारी संगठन इसे हर 3 महीने में अपडेट करने की मांग कर रहे हैं।
- DA की गणना के लिए नया फॉर्मूला अपनाने की भी मांग उठ रही है।
3. ग्रेच्युटी और रिटायरमेंट लाभ में सुधार
- कर्मचारियों की मांग है कि ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख की जाए।
- सेवानिवृत्ति के बाद स्वास्थ्य बीमा और अन्य सुविधाओं को बढ़ाने की सिफारिश की जा सकती है।
क्या 8वां वेतन आयोग जल्दी लागू होगा?
सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी।
👉 पिछले वेतन आयोगों में 18-24 महीने का समय लगता था, लेकिन डिजिटलीकरण के कारण इस बार यह प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सकती है।
👉 सरकार को एक वर्ष के भीतर वेतन आयोग की रिपोर्ट पर विचार कर उसे लागू करना होगा।
निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग को लेकर केंद्रीय बलों द्वारा भेजे जाने वाले सुझावों में वेतन, भत्ते, OPS बहाली और अन्य वित्तीय लाभों पर चर्चा होगी। यदि सरकार OPS की बहाली पर विचार करती है, तो यह केंद्रीय बलों और सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है।
👉 अब देखना यह होगा कि सरकार इन सिफारिशों को कब तक लागू करती है और OPS पर क्या फैसला लेती है।
कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी है ops यह सभी कर्मचारियों के लिए लागू होना ही चाहिए।
पुरानी पेन्शन योजना बुढापे की लाठी है,इसलिए मायबाप सरकारने ये योजना फिरसे लागू करना चाहिए.
OPS
We want OPS only