यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): क्या यह कर्मचारियों के साथ धोखा है?

केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर कर्मचारियों में भारी भ्रम और असंतोष है। जब इस योजना की घोषणा हुई थी, तब ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय उनके अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। लेकिन हाल ही में जारी अधिसूचना ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है।

UPS में क्या है मुख्य शर्तें?

अधिसूचना के अनुसार, UPS का पूरा लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा:
जिन्होंने कम से कम 25 वर्ष तक नियमित रूप से 10% अंशदान किया हो।
जिनकी अंशदान जमा करने में कोई रुकावट या निकासी नहीं हुई हो।
जिनकी संपूर्ण सेवा अवधि के दौरान किसी भी तरह की वित्तीय चूक नहीं हुई हो।

इसके अलावा, अगर किसी कर्मचारी ने आंशिक रूप से अपनी जमा राशि निकाली है, तो उसकी पेंशन राशि कम हो जाएगी। सरकार ने अधिसूचना में “बेंचमार्क कॉरपस” नामक एक नया नियम जोड़ दिया है, जो पेंशन गणना में बड़ा बदलाव लाता है।


UPS को लेकर कर्मचारियों के मन में भ्रम और उसकी सच्चाई

1) क्या 50% पेंशन सभी को मिलेगी?

👉 नहीं! UPS के तहत कम से कम 25 वर्षों तक नियमित रूप से 10% अंशदान करने वाले कर्मचारी ही पूरी 50% पेंशन के हकदार होंगे।
👉 VRS लेने वाले कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु तक इंतजार करना होगा, तभी उनकी पेंशन शुरू होगी।

2) क्या कम सेवा वालों को पेंशन का लाभ मिलेगा?

👉 अगर किसी कर्मचारी की सेवा 25 वर्षों से कम है, तो उसकी पेंशन अनुपातिक रूप से कम होगी।
👉 उदाहरण के लिए, 20 साल की सेवा पर सिर्फ 40% पेंशन मिलेगी।
👉 लेकिन, यदि अंशदान में कोई चूक हुई या कोई निकासी की गई, तो पेंशन और भी कम हो सकती है।

3) न्यूनतम पेंशन क्या होगी?

👉 कम से कम 10 वर्षों तक अंशदान करने वालों को ₹10,000 मासिक पेंशन मिलेगी।

4) क्या कर्मचारी को उसकी जमा राशि वापस मिलेगी?

👉 नहीं! UPS के तहत कर्मचारी का पूरा अंशदान जब्त हो जाएगा।
👉 सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को केवल एक छोटी राशि (लंपसम) मिलेगी।


UPS में एकमुश्त (लंपसम) राशि का गणित

सरकार के अनुसार, सेवानिवृत्ति के समय निम्नलिखित फॉर्मूले से एकमुश्त राशि दी जाएगी:

👉 (अंतिम वेतन + DA) × 10% × कुल सर्विस वर्ष × 2 = एकमुश्त राशि

उदाहरण:

  • यदि किसी कर्मचारी का अंतिम मूल वेतन ₹45,000 है और DA 53% है, तो कुल वेतन ₹68,850 होगा।
  • इसका 10% = ₹6,885
  • यदि कर्मचारी ने 10 वर्ष सेवा की है, तो उसकी गणना इस प्रकार होगी:
    ₹6,885 × 20 = ₹1,37,700
  • मतलब कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय केवल ₹1.37 लाख रुपये की एकमुश्त राशि मिलेगी!

👉 इसका सीधा अर्थ है कि कर्मचारी अपने पूरे अंशदान को सरकार को सरेंडर करेगा और बदले में बहुत ही छोटी रकम प्राप्त करेगा।


UPS असल में “पेंशन” नहीं, बल्कि “सुनिश्चित भुगतान” है!

UPS में कहीं भी “वेतन आयोग” का उल्लेख नहीं है।
इसमें 80 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन वृद्धि का कोई फॉर्मूला नहीं दिया गया है।
सरकार ने इसे “पेंशन” का दर्जा तक नहीं दिया है, बल्कि “सुनिश्चित भुगतान” का नाम दिया है।
UPS के तहत कर्मचारी को “पेंशनभोगी” भी नहीं कहा जाएगा।


निष्कर्ष: UPS एक बड़ा धोखा!

🔴 जो कर्मचारी UPS को लेकर खुश हो रहे थे, उनके लिए यह एक झटका साबित हो सकता है।
🔴 “गोदी मीडिया” इसे मास्टरस्ट्रोक बताने में लगी हुई थी, लेकिन असल में यह कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
🔴 UPS के तहत 50% पेंशन सिर्फ एक छलावा है, क्योंकि यह तभी मिलेगा जब कर्मचारी की सेवा 25 वर्ष से अधिक हो और कोई वित्तीय चूक न हुई हो।

👉 इसलिए, कर्मचारी संगठनों और यूनियनों को एकजुट होकर सरकार पर OPS (पुरानी पेंशन योजना) बहाल करने का दबाव बनाना चाहिए। UPS को लेकर भ्रम दूर करें और इसकी सच्चाई सभी तक पहुंचाएं!

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